Uddharan Vakya

Pramanick Pramanick

Paromita Pramanick
"कभी कभी हम बीन सोचें कितना कुछ कर लेते है,
और
कभी कभी कुछ करने के लिए कितना सोचना पड़ता है।"

Kabhi kabhi hum bin soche kitna kuch kar lete hai,
Aur kabhi kabhi kuch karne ke liye kitna sochte hai.


Paromita Pramanick
जहां चाह है,
वहां राह है ।
अगर किसी चीज़ को तुम चाहोगे नहीं,
तो कोई राह तुम्हे नज़र आयेंगे न कहीं ।।
Jahaan chaah hain,
Wahaa raah hain .
Agar kisi chiz ko tum chahoge nahi,
Toh koi raah tumhe nazar aayenge na kahi.


Paromita Pramanick
ज़िन्दगी मझधार में आकर जब रूक सी जाती है,
तब किनारों का नज़र आना मुश्किल हो जाता है,
मझधार में ही ज़िन्दगी की नैया डूब सी जाती है,
अपने साहिल से मिलने किनारे तक नहीं पहुँच पाती है।
Zindagi majhdhar mein aakar jab ruksi jaati hai,
Tab kinaaro ka nazar aana mushkil ho jaata hai,
Majhdhar mein hi zindagi ki naiyaan doob si jaati hai,
Apne saahil se milne kinare tak nahi pohoch paati hai.


Paromita Pramanick
शिकवा गिला हर शिकायत भी तुम हमसे कर लो
रूठे हो तुम आज हमसे यों ।
क्या ख़बर कल हमें छोड़,
तुम किसी और से दोस्ती कर लो ।।
Shikwa gila, har shikayat bhi tum humse karlo;
Ruthe ho tum aaj humse yo.
Kya khabar kal hume chhod,
Tum kisi aur se dosti karlo....


Paromita Pramanick
चलते हैं ज़ख्म दिल पर लेकर आज ।
न जाने कब यह ज़ख्म गहरी जो है,
भरने लगे इन वादियों के साथ ।।
Chalte hai zakhm dilpar lekar aaj,
Na jane kab yeh zakhm gehri jo hai,
Bharne lage in waadiyon ke saath.


Paromita Pramanick
चंद लफ्ज़ जो ज़ुबाँ पर थे,
उन्हें कहनी थी तुमसे आख़िरी बार ।
तुमने इतनी भी हक़ न दी हमें,
हम कह सके तुमसे अपने दिल की बात ।।
Chand lafz jo zubaan par
Unhe kehni thi tumse aakhri baar.
Tumne itni bhi haq na di humein,
Hum keh sake tumse apne dil ki baat.


Paromita Pramanick
है दिल वही, जज़्बात वही, धड़कन भी वही ।
पर ज़िन्दगी बदलने का है सिलसिला,
न जाने
क्यों रहती हैं आरज़ू की तलाश में हर कहीं ।।
Hain dil wahi, jazbaat wahi, dhadkan bhi wahi.
Par zindagi badalne ka yeh silsila,
na jane
kyon rehti hai aarzoo ki talash mein har kahi.


Paromita Pramanick
जिंदगी के राहों में अक्सर अकेला चलना पडता है।
सामने लोगों की भीड़ लगी रहती हैं,
दिल फिर भी खुदको अकेला पाता है।
कोई दोस्त नहीं,
साथी नहीं,
हमसफर नहीं,
हमदर्द नहीं होता है॥
कहने को तो दुनिया में अकेले आते है
और दुनिया से अकेले जाते भी है,
पर इस दुनिया के भीड़ में ज़िंदगी को
अकेले गुज़ारना नामुमकिन होता है॥
ऐसी जिंदगी को क्या नाम दे भला
जो बेनाम अकेला चलता रहता है॥


Paromita Pramanick
जीने की वजह न मिलती जो गर तु न मुझे मिलता;
जीना भी क्या जीना होता जो गर तेरा प्यार मुझे न मिलता;
जिनी है ये ज़िन्दगी जो गर हर लम्हा तेरा साथ है मिलता;
जीना मेरा हो मुकम्मल जो गर हर जनम तु मुझे ही मिलता ।।
Jeene ki wajah na milti jo gar tu mujhe na milta;
Jeena bhi kya jeena hota jo gar tera pyar mujhe na milta;
Jeeni hai yeh zindagi jo gar har lamha tera saath hai milta;
Jeena mera ho mukammal jo gar har janam tu mujhe hi milta.


Paromita Pramanick
हम मुसाफिरों की क्या हस्ती है,
आज यहाँ कल वहां चले ।
ले जाते है हम यादें दिलों में,
देख लेते है झलक उन तस्वीरों में ।।
Hum musafiro ki kya hasti hai
Aaj yahaan kal wahaan chale
Le jaate hai hum yaadein dilon mein
Dekh lete hai jhalak un tasveero mein.


Paromita Pramanick
कभी इन राहो से हम फिर गूज़रेंगे
इन्हे देखकर फिर हम शायद रो देंगे।
हर गलियों में तेरी ही यादें बसी होंगी,
तुझे देखकर हम अपनी आँसू छूपा लेंगे।।
Kabhi in raho se hum phir guzrenge....
Inhe dekhkar phir hum shayad ro denge.
Har galiyon mein teri hi yaadein basi hongi,
Tujhe dekhkar hum apni aansu chhupa lenge.


Paromita Pramanick
कुछ राज़ हम दबा न सके
दिल के दर्द को हम छुपा न सके
रखते थे एक कोने में छिपाकर उसे
पर बुरी नज़रों से हम बचना सकें ।।
Kuch raaz hum daba na sake
Dil ke dard ko hum chhupa na sake
Rakhte the ek kone mein chhipakar usse
Par buri nazro se hum bachna sake....

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