Hindi Short Story 'Little Rabbit'

Paromita Pramanick

(This short story is adapted from the book series named as 'Suno Kahani' written by Dr.Suresh Panth. There are numerous other short stories in the book, some of which I've presented here on my blog with the images sketched and edited by myself, mostly by referring to the images in the book. This short story is about a little Rabbit who was in the midst of his playtime, however he was left alone by his mother in the burrow to find some fresh grass for him. Read the story as to what did the little Rabbit do to fulfil his playful childhood)

नन्हा खरगोश | Little Rabbit

एक छोटा-सा खरगोश एक बड़े से मैदान के बगीचे में रहता था। उसका नाम ननकू था। ननकू अपने माता पिता के साथ रहता था। कभी वह हरी घास खाता तो कभी मैदान में इधर-उधर दौड़ता और मस्ती करता रहता था।

एक बार की बात है जब आस-पास की घास सूख गये थे। नन्हे खरगोश की माँ ने उससे कहा, " हम घास की खोज के लिए कुछ दूर जाएँगे। तुम्हारे लिए कोमल घास लाएंगे। तुम बिल से कहीं बाहर मत जाना।"

Paromita Pramanick

ननकू ने कहा, "ठीक है।"

माँ ने ननकू को कहा, "तुम कुछ देर के लिए विश्राम कर लेना। हम जल्द ही लौट आएंगे।"

यह कहकर वह निकल पड़े और ननकू बिल के अंदर ही रहा। कुछ देर से वह सोता रहा और फिर जागा। माँ अभी तक नहीं लौटे। वह उठ गया और बिल के दरवाज़े की तरफ गया।

ताज़ी हवा उसकी नाक से लगी। ठंडी हवा से ननकू खुश हुआ और वह बिल से बाहर निकल आया। वह भूल गया कि माँ ने उसे बाहर निकलने को मना किया था।

ननकू दौड़ा और वह पहुँच गया तालाब के पास। बत्तखें तैर रहे थे तालाब में। नन्हे खरगोश ने सोचा पानी में बड़ा मज़ा आएगा। छपाक! ननकू पानी में कूद गया। पर उसे तैरना तो आता ही न था। इसलिए वह पानी में डूबने लगा।

एक बत्तख ने उसे डूबते हुए देखा। उसने जल्दी से अपनी चोंच से ननकू को ऊपर उठाया। उसे अपनी पीठ पर रख लिया। बत्तख ननकू को लेकर तैरने लगी। उसने पूछा, "तुम्हें तैरना आता है?"

Paromita Pramanick

ननकू ने कहा, "नहीं।"

बत्तख बोला, "तो तुम पानी में क्यों कूदे?"

तब ननकू चूप रहा। और बत्तख ने उसको कहा, "जो काम जानते नहीं तो उस काम को मत किया करो। पहले तैरना सीखो, फिर पानी में कूदो।"

ननकू खरगोश ने कहा, "ठीक है। अब से मैं सोच समझकर काम किया करूँगा।"

सीख: अपने से बड़ो की बात पर ध्यान देना चाहिए।
Moral: You should pay attention to your elders advice.

Reference: Adapted from Suno Kahani Book Series.
Find more Hindi Short Stories on this blog:
Paromita Pramanick ©2018. All Rights Reserved.

No comments:

Powered by Blogger.