Hindi Story - Foolish Crow and Cunning Fox

Paromita Pramanick

('Foolish Crow and Cunning Fox' is one of the famous story collection from the Panchtantra series. This story gives a message about how we should avoid any false admiration. Many times we meet strangers who take our advantage for their work and draw our attention. After their work is done, they do not even ask for any courtesy. It is always sweet to listen when someone praises, but they usually turn out to be cheaters. Therefore, it is always better not to believe any acclaim and avoid being flattered)

मूर्ख कौआ और चालाक लोमड़ी | Foolish Crow and Cunning Fox

एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थीवह लोमड़ी दो दिन से भूखी थी। वह अपनी भूख मिटाने के लिए भोजन की खोज में इधरउधर घूमने लगीउसने सारा जंगल छान मारा, पर उसे खाने को कहीं भी कुछ न मिला था। जब उसे सारे जंगल में भटकने के बाद भी कुछ मिला, तब वह एक बस्ती की ओर आई। वह गर्मी और भूख से परेशान होकर एक पेड़ के नीचे बैठ गई अचानक उसकी नजर ऊपर पेड़ पर गई उसने देखा कि पेड़ पर एक कौआ बैठा है, जिसके चोंच में रोटी का एक टुकड़ा है।

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लोमड़ी
रोटी देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी भर आया। वह सोचने लगी कि यह रोटी मिल जाती तो मज़ा आ जाता। उसने एक उपाय सोचा।

लोमड़ी कौए से बोली, "भाई कौए! तुम कितने सुंदर हो। तुम्हारे पंख कितने चमकदार हैं। गले में तुमने सफेद रुमाल बाँध रखा है। लोग बेकार ही तुम्हें काला कहते हैं। तुम्हारा रंग तो सदा एक जैसा रहता है। तुम तो पक्षियों के राजा लगते हो। मैंने तुम्हारी बहुत प्रशंसा सुनी है, सुना है तुम गीत बहुत अच्छे गाते हो। तुम्हारी सुरीली मधुर आवाज़ के सभी दीवाने हैं। क्या मुझे गीत नहीं सुनाओगे ? तुम्हारा गाना कितना मीठा है, कोयल से भी मीठा। आज मेरा मन तुम्हारा गाना सुनने को तरस रहा है। ज़रा कुछ गाकर तो सुनाओ।

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कौआ
कौए ने अपनी तारीफ सुनी तो वह बहुत खुश हो गया। परंतु तब भी कौआ चुप रहा और लोमड़ी के झाँसे में न आया|

लोमड़ी ने फिर कहा, "आज तो मैं तुम्हारा मीठा गाना सुनकर ही जाऊँगी। अब सुना भी दो।"

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वह लोमड़ी की मीठी मीठी बातों में गया और बिना सोचे-समझे कौए ने प्रसन्न होकर गाने के लिए चोंच खोली। चोंच खुलते ही रोटी का टुकड़ा नीचे ज़मीन पर गिर पड़ी। भूखी लोमड़ी ने झट से वह टुकड़ा उठाली और बड़े चाव से उसे खाने लगी। लेकिन जब तक कौए को समझ में आता कि क्या हुआ, लोमड़ी वहाँ से निकल चली थी। कौआ उदास हो गया|

कौआ देखता रह गया और अपनी मूर्खता पर पछताने लगा। वह समझ गया कि झूठी तारीफ करने वालों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। परंतु अब पछताने से क्या होना था, चतुर लोमड़ी ने तो मूर्ख कौए की मूर्खता का लाभ उठाया और उसने अपना फायदा किया

सीख: झूठी प्रशंसा से हमेशा बचकर रहना चाहिए।
Moral: Always be safe by false appreciation.

Reference: Various.

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